भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी, भूस्खलन और…NASA-ISRO का ताकतवर सैटेलाइट देगा पहले से चेतावनी ! Nisar Mission

Nisar Mission: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी, भूस्खलन और…NASA-ISRO का ताकतवर सैटेलाइट देगा पहले से चेतावनी !

हाल ही में “निसार“ को अमेरिका ne कैलिफॉर्निया में NASA जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी अब मैं विदाई समारोह मिला हुआ है । निसार है अंतरिक्ष में अपनी तरह का पहला रडार होगा जो हमारे ग्रह कि जहाँ पर एक सेंटीमीटर से भी कम दूरी में होने वाली परिवर्तनों को और चीज़ों को मापने के लिए दो अलग अलग राडार है उसमें से पहला राडार है एली बैंड और एस बैंड इन दोनों का उपयोग किया गया है जो पृथ्वी का पूर्ण रूप से चित्रण करेगा

निसार मिशन क्या है

निशा रखो अमेरिका और भारत की साझेदारी को समझौते के तहत पर अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा बनाया गया है इससे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से निकट हुए कक्षा में लॉन्च करने की उम्मीद है । ये उपग्रह कम से कम तीन वर्षों तक काम करने वाला है यह एक नियम न पृथ्वी कक्षा वेधशाला है निसार 12 दिनों में पूरे विश्व का चित्रण करेगा। ( Nisar Mission )

निसार की कुछ विशेषताएँ

यह उपग्रह 2,800 किलोग्राम का है जिसमें दो बैण्ड है पहला बैंड है एल बैंड और दूसरा बैंड है एस बैंड है। इसमें उन्हें 39 फुट का स्थिर एंटिना रिफ्लेक्टर है जो सोने की परत चढ़ाए तार की जाली से बनता है रिफ्लेक्टर का उपयोग उपकरण संरचना पर ऊपर की ओर फिर द्वारा उत्सर्जित और प्राप्त राडार संकेतों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाने वाला है । नासा को अपने वैश्विक विज्ञान संचालन के लिए कम से कम तीन वर्षों के लिए L बैंड राडार की आवश्यकता है इस बीच तीसरा एस बैंड रडार का उपयोग कम से कम पाँच वर्षों तक करेगा। ( Nisar Mission )

 

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निसार मिशन के बारे में रोचक तथ्यNisar in Hindi के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैंःनिसार मिशन इसरो और नासा का ज्वाइंट मिशन है।इम मिशन की सैटेलाइट में दो रडार हैं और वे L-बैंड SAR और S-बैंड SAR हैं। L-बैंड SAR की मैन्युफैक्चरिंग नासा द्वारा की जाएगी और S-बैंड SAR की मैन्युफैक्चरिंग इसरो द्वारा की जाएगी। निसार मिशन लांन्चिग के बाद कम से कम तीन साल तक काम करेगा।निसार मिशन निम्न पृथ्वी कक्षा या लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) वेधशाला है।एनआईएसएआर में दो सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) हैं ( Nisar Mission )

एक एल-बैंड (एल-एसएआर) और एक एस-बैंड (एस-एसएआर) और यह दो अलग-अलग रडार आवृत्तियों का उपयोग करने वाला पहला उपग्रह होगा।निसार 747 किमी की ऊंचाई और 98.4° के झुकाव के साथ सूर्य-समकालिक कक्षा को फाॅलो करेगा। इसमें 100 मिनट की अवधि और 12 दिनों का दोहराव चक्र होगा ( Nisar Mission ) । NISAR एक संशोधित इसरो I3K अंतरिक्ष यान बस को कार्यान्वित (implements) करता है।इसस मिशन से भूविज्ञान में तेजी से बढ़ रहे माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।मिशन की सटीक इंटरफेरोमेट्रिक कक्षाएं भूमि की सतह में कुछ मिलीमीटर विकृतियों का मानचित्रण करने में सक्षम होंगी।इसरो एस-बैंड रडार का उपयोग कम से कम पांच वर्षों तक करेगा।नासा को अपने वैश्विक विज्ञान संचालन के लिए कम से कम तीन वर्षों के लिए एल-बैंड रडार की आवश्यकता है। ( Nisar Mission )

 

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निसार के अपेक्षित लाभ क्या है

प्राकृतिक खतरों और परिस्थितियों की गड़बड़ी के बारे में जानना और मात्रा में डेटा और जानकारी प्रदान करने का काम है जिससे पृथ्वी प्रणाली प्रक्रियाओं और जलवायु परिवर्तन के बारे में हमारे समाज को आगे बढ़ाया मदद मिलेगी और एशियन भूकंप सुनामी और ज्वालामुखी में विस्फोट जैसी आपको ऋतिक आपदाओं के प्रबंधन में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी जिससे त्वरित प्रतिक्रिया समय और बेहतर जोखिम के बारे में आकलन करने में सक्षम होगा समिति के लिए डेटा का उपयोग होगा ( Nisar Mission )

फ़सल विकास के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कृषि प्रबंधन और खाद्य सुरक्षा में सुधार के लिए यह मिट्टी की नमी और भूमि उपयोग में परिवर्तन लाने के लिए बुनियादी ढांचों की निगरानी के लिए भी शहरीकरण और वनों की कटाई निगरानी के लिए जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की निगरानी और समझने में यम अपनी मदद करेगा। ( Nisar Mission )

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