Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ?

Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ?

25 मई 1998 की वो शाम थी और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स की वो एक छोटि फ्लाइट थी और फ्लाइट ग्वादर एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली थी। यह एक रूटीन उड़ान भराने वाली फ्लाइट थी । पर किसको पता था की इस दिन कुछ तो अलग ही होने वाला था ये बात इसको पता थी। जब जहाज कुछ ही मिनटों मई आकाश मई उड़ान भर चुका था। तभी एक यात्रीगण अचानक कॉकपिट की की और भागता हुवा आया और पायलट को बंदूक दिखाई और  फिर बंदूक की नोक पर जहाज को हाइजैक करने की धमकी दी। ( Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ? )

हाइजैकर्स की मांग और पाकिस्तान की मजबूरी

इस हाइजैकिंग के पीछे एक बहुत ही गहरा राजनैतिक उद्देश्य छिपा हुआ था। हाईजैक के बाद का असली मक़सद यह था कि जहाज़ को भारत की राजधानी नई दिल्ली में लैंड कराया जी आयी ना कि कराची में जहाँ ये छोड़कर जाने वाला था उनका यह मानना था कि भारत में उन्हें बेहतर सहायता मिल सकती है क्योंकि वो पाकिस्तान सरकार के ख़िलाफ़ थे और उनके ख़िलाफ़ उनके मन में अच्छे भाव नहीं थे पाकिस्तान के लिए एक बहुत ही ज़्यादा मुश्किल स्थिति हो चुकी थी क्योंकि उनका पाला न्यूक्लियर परीक्षण बिलकुल ही 3 दिन के बाद होने वाला था और वो किसी भी तरह की उनके कार्य में गड़बड़ी नहीं चाहते थे लेकिन जैसा ही उन्हें डर था वही हुआ था ( Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ? )

पाकिस्तान की मजबूरी और भारतीय झंडा

पाकिस्तान को मजबूरन भारतीय झण्डा बताया तो लहराना पड़ा था और एयरपोर्ट अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हैदराबाद एयरपोर्ट को ऊँचे एयरपोर्ट ऐसे नाम देकर उसे बना दिया ताकि हाइजैकिंग करने वाले लोगों को ये पता न चले कि वो भारत में है उन्होंने पूरे एयरपोर्ट से पाकिस्तानी झंडा हटाकर भारतीय झंडा लहरा दिए थे ( Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ? )

ताकि हाईजैक कर स्कोर पर ऐसा लगे कि वो भारत में लैंड कर चुके हैं इस तरह पाकिस्तान को अपने पहले न्यूक्लियर परीक्षा से पहले किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं होने देना अब था और इसके लिए उन्होंने भारतीय झंडा लहराना पड़ा था ना कि यह पाकिस्तान के लिए एक बहुत ही कठिन और शरमनाक क्षण हो चुका था ( Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ? )

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पुलिस का सूझबूझ और हाईजैक पर कार्रवाई

हैदराबाद एयरपोर्ट पर पुलिस ने एक बहूत ही चतुर और सूझ-बूझ भरा रास्ता अपनाया हुआ था और वे ख़ुद को भारतीय अधिकारी बनकर आए जाकर मिलने गये और के साथ बातचीत करने लगे उन्होंने हाइ जाकर उसको खाना पानी दिया और उनके साथ मित्रवत व्यवहार किया था कि उन्हें किसी भी तरह का श़क न हो सके जा भाई जाकर और पुलिस के बीच काफ़ी विश्वास बन गया था पुलिस ने एक साथ झपटकर आए जाकर को क़ाबू में कर लिया था और उन्होंने हाथ से हथियार छीन ली है और पूरी घटना को शांतिपूर्वक तरीक़े से समाप्त कर दिया था ( Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ? )

एक शर्मनाक घटना लेकिन शांतिपूर्ण समाधान

यह पाकिस्तान के लिए एक बहुत ही ज़्यादा शर्मनाक और कठिन घटना हो चुकी थी लेकिन पुलिस नहीं होती सुभाष और कौशल के साथ इसका समाधान किया हुआ है किसी भी तरह की हिंसा या नुक़सान नहीं हुआ और सभी यात्रियों को सुरक्षित वापस भेज दिया गया था यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बहुत ही ज़्यादा पड़ा हुआ सस्ता लेकिन उसने इसे शांतिपूर्वक तरीक़े से हल कर के अपनी छवि को बताया हुआ है एवं पाकिस्तान के लिए बहुत तो पूर्ण घटना थी जो उनकी कठिन परिस्थितियों में उनकी कौशल और सूझ-बूझ को दर्शाती है ( Esa kya huva ki : पाकिस्तान के एयरपोर्ट पर लहराया गया तिरंदा, लेकिन क्यों ? )

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