300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट
एक उंचा वास्तुशिल्प चमत्कार
एक बहुत ही बडा और उंचा वास्तुशिल्प चमत्कार जो आसमान की और बहुत ही उंची उडान भर रहा था रयोग हॉटेल ज्योत त्रिकोणी आकार की रचना का एक बहुत ही बडा वास्तुशिल्पक चमत्कार है जो बहोत हि आसानी से अपने आंखो पकडले दिये
या प्रभावशाली बिल्डिंग 1080 फीट की उंचाई पर खडा है उन 39 मंजीलो मे विस्तारित हे और 3000 कमरो के साथ यह हॉटेल आसानी से दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फाईव्ह स्टार हॉटेल्स को टक्कर दे सकता है जिसमे शानदार सुविधा है और रात को आकाश को रोशन करने वाली बडिया चमकदार रोशनी भी है ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
बिना मेहमान वाला एक हॉटेल
रयुगयोग की सच्ची कहानी हॉटेल की भव्यता और सफलता नही है बल की भारी पिछले 30 वर्षे हॉटेल पूरी तरी कैसे खाली पडा हुआ है इसके दरवाजे के अंदर एक भी मे मन मे कदम नही रखा है इसके निर्माण के लिए 750 मिलियन डॉलर अब तक खर्च किये जाये जा चुकी है और इतने खर्च होने के बावजूद भी यहा दुर्भाग्यशाली हॉटेल एक अकेला और उजाडांच्या बना हुआ है ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
जो इसके रचनाकारों द्वारा सामना कि गई चुनौतिया और सीमाओं का एक बहुत ही बडा प्रमाण है इस हॉटेल के पीछे के संदर्भ को समझने के लिए उत्तर कोरिया के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य की जान करने के लिए महत्वपूर्ण है अधिक तोर पर यह डेमोक्रॅटिव्ह पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के रूप मे जाने वाला राष्ट्र 74 वर्षों से अधिक समय तक एक परिवार ही परिवार के सत्तावादी शासन के अधिक किया हुआ है यहा पे चुनाव हर साल होते है लेकिन उमेदवार को जयंत सर्वोच्च नेता द्वारा किया जाता है जो सतार रोड राजवंश का सध्या से भी होता है ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
उत्तर कोरिया की सक्त नीतियो और तनावपूर्व आंतरराष्ट्रीय संबंध के वजेसे ऐसे वैश्विक मंच पर अच्युत बनाया दिया है व्यापारी भागीदारी और पर्यटन रोजी की कमी के कारण देश मे प्रति वर्ष केवल तीन लाख पर्यटन ही आते है जो इस के पडोसीत दक्षिण कोरिया से बिल्कुल ही अलग है जो साला ना 17.5 मिलियन से भी अधिक पर्यटन का स्वागत करते है वर्चस्व की दोड इस हॉटेल की निर्माण का एक शूट युद्ध के दौरान उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच बढती प्रतिध्वंदिता पर सीडी प्रतिक्रिया आहे जैसे ही दोनो देशों में प्रभुत्व के लिए प्रतिस्पर्धी मे अपने तकनिक और वास्तुशिल्प कौशल्य को प्रदर्शन करने के लिए भयंकर प्रतिस्पर्ता मे लगे रहे उन्नीसो असी के दशक मे उत्तर अर्थ मे ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
जब एक दक्षिण कोरिया ही कंपनी सिंगापूर मे दुनिया का सबसे उंच हॉटेल बनाया तो उत्तर कोरिया को जवाबी कारवाई करने के लिए और उनकी श्रेष्ठता को धावा करने के लिए कदम उठाया था अपने दक्षिणी समक्ष को पछाडने के लिए दूर संकल्पित उत्तर कोरियाने अपने राजधानी में दुनिया का सबसे सबसे ऊंचा हॉटेल बनने का फैसला लिया हुआ था हॉटेल की कल्पना १०५ मंजीला विशाल काय हॉटेल के रूप मे की गयी थी जो दक्षिण कोरिया हॉटेल की उंचाई को पार कर गया और उसकी समय दुनिया की सबसे उंची इमारत मे से एक बन गया था हॉटेल का निर्माण 1987 मे महत्वकांक्षी रूप से शुरू हो गया था ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
ऑलम्पिक के उत्तर कोरिया संस्करण
1989 विश्व महोत्सव केले असे पुरा करना आला की इस परियोजना को शुरू से ही काहीच नव्हती का बहुत बडे मात्रा मे सामना करना पडता इतनी उंचाई बनाने के लिए उत्तर कोरिया के पास आवश्यक संसाधनो की कमिटी इसलिये उसके बजाये काँक्रीट का उपयोग करणे का सहारा जिसके परिणाम स्वरूप हॉटेल का विशिष्ट त्रिकोणी आकार प्राप्त हुआ था ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
तक निधी करणे के भावजी उत्तर कोरिया तेव्हार के समय पर हॉटेल का अनावरण करने के लिए संपूर्ण प्रतिबद्ध राहता निर्माण कार्य जाहिरात लेखन समय सीमा आई और चली गई और हॉटेल अधुराही रहे गया अपना चेहरा बचाने के लिए उत्तर कोरियाने घोषणा की की तकने की मुद्दो के कारण इसकी परियोजना मे तेरी हुई है लेकिन देश हॉटेल को बुरा करने के लिए प्रतिबंध है ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
असफलताओ की एक श्रृंखला
उत्तर कोरिया केलीये चुनोती बढती जा रही थी 1991 मे प्रमुख सहयोगी सोवियत संघ के पतन के कारण देश की स्थिती अनिश्चित हो गयी थी जिसे हॉटेल के निर्माण के लिए पैसा छोटा ना कठीण हो गया था जैसे जैसे साल बिते गई उसी तरह परियोजना रोगही और हॉटेल अशांकी रूप मे पूर्ण प्रतियोग संचार ना बनकर रहे गया था जो उत्तर गोरिया के अपने महत्त्वाचे प्राप्त करने के लिए प्रतीक माना जाता था आद के वर्ष मे इसकी परियोजना को पुनर्जीवित करने के लिए बहुत ही जादा प्रयास किये गये ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )
जिसमे से एक समझोता भी शा मिलता हॉटेल को पूरा करने के लिए और उसकी संचालित करने के लिए 2008 मे मिस्त्र की निर्माण की एक कंपनी की निर्माण की गई आला की इन प्रयासो को उत्तर कोरिया की अपनी नीतियों धारा विफलकर दिया गया था क्यू कि देश न के नये नेता किम जॉब पुणे बंद लगाया था जो हॉटेल के आंतरिक डिझाईन और साथ सच्चा के लिए आवश्यक ती आज इसकी विफलता की प्रतीत बन गई है उत्तर कोरिया की प्रगती का एक चमकता हुआ प्रतीक बनने के बजाये हॉटेल एक उजाड और शिरना अवशेष बना पडा है जो देश के अलगाव और उसके सत्तावादी शासन के परिणाम ओके याद दिलाता है ( 300 Room ka hotel par : आज तक एक भी नही है गेस्ट )